आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा: 1.15 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को होगा फायदा..

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
  • आयोग को 2026 तक अपनी रिपोर्ट तैयार कर सौंपनी होगी: आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के नामों की घोषणा जल्द की जाएगी
आठवें वेतन

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बजट 2025 से पहले केंद्रीय कर्मचारियों को खुशखबरी दी है। केंद्र की एनडीए सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस फैसले से 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख केंद्रीय पेंशनभोगियों समेत कुल 1.15 करोड़ लोगों को फायदा होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन का फैसला ऐसे समय लिया है जब केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता बढ़कर 53 फीसदी हो गया है। केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स लंबे समय से आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा का इंतजार कर रहे थे। हालाँकि, अब तक जब भी संसद में आठवें वेतन आयोग के क्रियान्वयन के संबंध में कोई प्रश्न पूछा जाता था, तो सरकार यही कहती थी कि इस संबंध में कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया गया है।

हालाँकि, अब सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की आधिकारिक घोषणा कर दी है। इसके साथ ही आठवें वेतन आयोग के गठन का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस फैसले की जानकारी दी।

आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा :-

उन्होंने कहा कि बैठक में नये वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया गया है। इस आयोग को अगले साल यानी 2026 तक अपनी रिपोर्ट देनी होगी। आठवें वेतन आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों के नामों की घोषणा जल्द ही की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि हर दस वर्ष में एक नया वेतन आयोग गठित किया जाता है। सातवां वेतन आयोग 2016 से लागू किया गया। इस वेतन आयोग का दस वर्ष का कार्यकाल दिसंबर 2025 में समाप्त होगा। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें पूरी होने से पहले ही सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर दी है।

आठवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर कम से कम 2.86 तय किए जाने की संभावना है।

यदि ऐसा हुआ तो न्यूनतम मूल वेतन बढ़कर 51,480 हो जाने का अनुमान है। वर्तमान में न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये है। इसी तरह न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये होने की संभावना है।

सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 निर्धारित किया गया था। जबकि छठे वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 प्रतिशत निर्धारित किया गया था।

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