कनाडा की पीएम रेस से बाहर हुईं अनीता आनंद: पार्टी नेता बनने से किया इनकार, इस साल चुनाव भी नहीं लड़ेंगी

अनीता आनंद

भारतीय मूल की अनीता आनंद ने कनाडा के प्रधानमंत्री पद की दौड़ से अपना नाम वापस ले लिया है। उन्होंने इस साल होने वाले चुनाव लड़ने से भी इनकार कर दिया है। अनीता ने एक्स पर एक पत्र पोस्ट करके यह जानकारी दी है।

आज मैं यह घोषणा कर रहा हूं कि मैं कनाडा की लिबरल पार्टी का अगला नेता बनने की दौड़ में नहीं हूं और ओकविले से संसद सदस्य के रूप में पुनः चुनाव नहीं लड़ूंगा।

इससे पहले कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद अनीता अगली प्रधानमंत्री बन सकती हैं। फिलहाल, जस्टिन ट्रूडो नए नेता के निर्वाचित होने तक प्रधानमंत्री बने रहेंगे।

अनीता आनंद कौन हैं?

  • अनीता आनंद के पिता तमिलनाडु से थे जबकि उनकी मां पंजाब से थीं। हालाँकि, अनीता का जन्म और पालन-पोषण कनाडा के ग्रामीण नोवा स्कोटिया में हुआ था।
  • उन्होंने क्वीन्स विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में कला स्नातक, डलहौजी विश्वविद्यालय से विधि स्नातक तथा टोरंटो विश्वविद्यालय से विधि स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है।
  • 57 वर्षीय अनीता पेशे से वकील हैं। उन्होंने अपना पहला संसदीय चुनाव 2019 में कनाडा के ओकविले सीट से जीता। उसी वर्ष उन्हें लोक सेवा और कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
  • अनीता आनंद कनाडा की रक्षा मंत्री का पद संभालने वाली दूसरी महिला हैं। इससे पहले, किम कैम्पबेल ने 1990 में यह जिम्मेदारी संभाली थी।
  • अनीता आनंद टोरंटो विश्वविद्यालय की एसोसिएट डीन भी रह चुकी हैं। उन्होंने 1995 में कनाडाई वकील और बिजनेस एक्जीक्यूटिव जॉन नोल्टन से विवाह किया। उनके 4 बच्चे हैं।
  • अनीता आनंद लैंगिक समानता की प्रबल समर्थक रही हैं। वह LGBTQIA+ अधिकारों का समर्थन करती हैं। उन्होंने यौन दुराचार से निपटने और कनाडाई रक्षा बलों में सांस्कृतिक परिवर्तन लाने की पहल का भी नेतृत्व किया।
  • प्रोग्रेसिव कंजर्वेटिव पार्टी की किम कैम्पबेल 1993 में कनाडा की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं, जिसके बाद से कोई भी महिला कनाडा में प्रधानमंत्री के पद तक नहीं पहुंच सकी।

ट्रूडो की पार्टी को बहुमत नहीं

कनाडा की संसद, हाउस ऑफ कॉमन्स में लिबरल पार्टी के 153 सांसद हैं। हाउस ऑफ कॉमन्स में 338 सीटें हैं। इसमें बहुमत का आंकड़ा 170 है। पिछले वर्ष ट्रूडो सरकार की सहयोगी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) ने अपने 25 सांसदों का समर्थन वापस ले लिया था। एनडीपी खालिस्तान समर्थक कनाडाई सिख सांसद जगमीत सिंह की पार्टी है।

गठबंधन के टूटने के कारण ट्रूडो सरकार अल्पमत में आ गयी। हालाँकि, 1 अक्टूबर को हुए बहुमत परीक्षण में ट्रूडो की लिबरल पार्टी को एक अन्य पार्टी का समर्थन प्राप्त हुआ। यही कारण है कि ट्रूडो फ्लोर टेस्ट में सफल हो गये।

न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के नेता जगमीत सिंह ने प्रधानमंत्री ट्रूडो के खिलाफ फिर से अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। यद्यपि कनाडाई संसद को 24 मार्च तक निलंबित कर दिया गया है, लेकिन लिबरल पार्टी के पास बहुमत हासिल करने और नया नेता चुनने के लिए 60 दिन से अधिक का समय है।

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